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जहां एक तरफ G20 में आने वाले मेहमानों के लिए भारतीय परंपराओं और कलाकृतियों के लिए एक क्राफ्ट मेला रखा गया है तो वहीं खाने की मेन्यू पूरे भारत की रेसिपी से भरपूर है।
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अब बात खाने की आई है तो जान लें कि हमारे मेहमानों के लिए शाही अंदाज में चांदी के बर्तनों में खाना परोसा जाएगा।
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बता दें, इसमें कुछ नया नहीं है बल्कि भारत में बच्चा पैदा होता है तो उसे सबसे पहले शहद चांदी के चम्मच से चटाया जाता है तो वहीं शादी में चांदी के बर्तन दिए जाते हैं।
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इसी तरह राजघरानों में भी यह परंपरा रही है। लेकिन सवाल यह है कि ये खास क्यों है।तो चलिए आपको बताते हैं। चांदी एक ठंडी धातु है जो कि शरीर में ठंडक पैदा करती है यह खाना पचाने और वात, पित्त और कफ को बैलेंस करने में मदद करती है।
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इसके अलावा जब आप इसमें खाना खाते हैं तो यह मेटाबॉलिज्म को तेज करती है। पाचन एन्जाइम्स को बढ़ा देती है और डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद करती है।
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वहीं चांदी में कोई हानिकारक कंपाउंड नहीं होते हैं और चांदी कटलरी बाजार में उपलब्ध अन्य सभी कटलरी का सबसे हेल्दी ऑप्शन है।
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साथ ही यह एंटीबैक्टीरियल और चांदी के बर्तनों को सिंथैटिक या प्लास्टिक के बर्तनों की तरह सैनिटाइज करने की जरूरत नहीं होती।
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इसके अलावा चांदी बैक्टीरिया को हमारे शरीर में प्रवेश करने से रोकने में मदद करता है और हमें कई बीमारियों से बचा सकती है। इसके अलावा चांदी एक नॉन टॉक्सिक प्रदार्थ है इसलिए इसके बर्तन प्लास्टिक, सिंथैटिक, एल्युमीनियम और कांच जैसे पदार्थों से ज्यादा साफ, शुद्ध और हेल्दी माने जाते हैं।
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साथ ही खाने को लंबे समय तक फ्रेश रखने में मदद करते हैं क्योंकि इसकी री एक्टिविटी रेट थोड़ी स्लो है। इस वजह से इसमें खाना खराब नहीं होता। इसके अलावा यह देखने में काफी सुंदर और शाही लगता है। इसलिए विजीट में मेहमानों के लिए चांदी और सोने के बर्तनों में खाना परोसा जाएगा।
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