Chandrayaan 3 VS Luna 25: ISRO को बड़ा झटका, रसिया का Luna 25 हरा देगा चंद्रयान 3 को?

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Will Luna 25 defeat Chandrayaan 3: ब्रेकिंग न्यूज इसरो को बड़ा झटका, क्या चंद्रयान तीन को हरा देगा Luna 25? जानते हैं इस पोस्ट में। दोस्तों रसिया के एक गांव को पूरी तरीके से डिस्प्लेस किया जा रहा है। गांव के अंदर जितने भी लोग हैं उन्हें साढ़े तीन घंटों के लिए अपना गांव छोड़ने के लिए इंटीमेट कर दिया गया। उन्हें वॉर्निंग जारी कर दी गई है और खुद जो मिलिट्री है रसिया की वो गाइड करेगी इन लोगों को अपने गांव से दूर साढ़े तीन घंटों की।

उस गांव का नाम है Shakhtinskyi और इस गांव के ऊपर खतरा है उस रॉकेट के टुकड़ों के गिरने का। उस रॉकेट के अलग अलग स्टेजेस के टुकड़ों के गिरने का। वो रॉकेट जो भारत के चंद्रयान 3 का पीछा करेगा और अंत में उसे पछाड़ देगा। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं Lunar 25 की। पूरे 47 वर्षों बाद अचानक रूस के अंदर जागा है चंद्रमा के लिए प्रेम और उसने ठान लिया है अपने ही दोस्त भारत को पछाड़ने का।

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Luna-25 पीछे छोड़ेगा Chandrayaan 3 को

जी हां दोस्त साउथ पोल पर उतरके रिकॉर्ड कायम करने वाला था इसरो। कीर्तिमान मिलता भारत को कि पहला चंद्रयान पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की सरफेस पर साउथ पोल पर फार साइड में उतरा है लेकिन भारत के मंसूबों पर पानी फेरते हुए रूस ये कदम उठा देगा किसी ने नहीं सोचा था। इतनी बारीकी, इतना ज्यादा Co Incidence तो नहीं कहा जा सकता। बिल्कुल इसे कोई इंसिडेंट नहीं माना जा सकता दोस्तों क्योंकि हम आपको बताएंगे आने वाले पोस्ट में किस तरीके से प्लानिंग की गई है इनके लैंडिंग की। Luna 25 की लैंडिंग को किस तरीके से प्लान किया गया आप सुनकर हिल जाएंगे।

23 अगस्त तारीख वो है जब ISRO ने कहा है कि 23 और 24 अगस्त को हम ट्राय करेंगे चंद्रयान तीन को चंद्रमा के साउथ पोल पर उतारने की लेकिन दुख की बात ये है दोस्तों कि जो यान जो रॉकेट फायर करने वाला है रसिया लूनार 25 को लेकर जाने वाला है Lunar 25 बता दे एकदम चंद्रयान तीन के जैसा एक लैंडर रोवर मिशन है और रूस का और 47 वर्षों बाद आज जागा है उसका भूत। पता नहीं कैसे? रसिया के शक्तिशाली Soyuz 2 रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा लूना 25 चंद्रयान को लॉन्च करने के लिए अंतरिक्ष में। आपको बता दें रशियन एजेंसीज का ये दावा Roscosmos का समझ लीजिए जैसे इसरो भारत का है वैसे Roscosmos रसिया का स्पेस एजेंसी है।

Roscosmos ने कह दिया है कि महज पाँच दिन में 11 तारीख को लॉन्च होने वाला है। 11 अगस्त को लॉन्च होने वाला Lunar 25और महज पांच दिनों में वो चंद्रमा पर पहुंच जाएगा। पांच दिन में चंद्रमा तक पहुंच जाएगा और अगले 5 से 7 दिन के अंदर वो उतर जाएगा चंद्रमा की साउथ पोल पर है कैलकुलेट कीजिए, आपके होश उड़ जाएंगे।

रूस ने खेला भारत के साथ गेम

11 अगस्त से पांच दिन 16 अगस्त और 16 अगस्त से पांच दिन पकड़िए दोस्तों कितना होता है 21 अगस्त? चलिए उसने पाँच से सात दिन कर दिया है सात दिन पकड़ लीजिए 16 अगस्त से कितना होता है 23 अगस्त। ठीक वही डेट जब इसरो ने प्लान किया चंद्रयान तीन को साउथ पोल पर उतारने का या तो रसिया का Lunar 25 21 तारीख को ही लैंड कर जाएगा चंद्रमा की साउथ पोल पर या फिर 23 तारीख को लैंड करेगा।

चंद्रयान ने ज़रा भी डिले किया तो गेम ओवर है और डिले नहीं भी किया। अगर ये फास्ट तरीके से पहुंच गया Lunar 25 तो ये रिकॉर्ड तो गया इसरो के हाथ से। वो रिकॉर्ड जो इसरो ने कई साल की मेहनत से तैयार किया। काफी पहले से उन्होंने डिक्लेयर कर दिया था। लूनर 25 अलग से आ गया। अब रसियन एजेंसीज का कहना है कि चंद्रमा जो है वो किसी के बाप का नहीं है।

उनका कहना है कि चांद सातवां महाद्वीप है। यह कहना है मानव जाति का और उस पर किसी का कब्जा नहीं हो सकता और हमारा भी मूड नहीं है वहां पर कब्जा करने का। 2021 में हम इसे लॉन्च करने वाले थे अक्टूबर में लेकिन प्लान मिस हो गया तो अभी कर रहे हैं। आपको बता दें रसिया ये जो है Lunar 25 लॉन्च करने वाला है वो Vostochny Cosmodrome से जो कि 3,450 मील या 5,550 किलोमीटर दूर है Moscow से और रसिया वाले भी उसी जगह जा रहे हैं। साउथ पोल पर उसी रीजन में उतार रहे हैं जहां पर चंद्रयान 3 लैंडिंग करके रिकॉर्ड कायम करने वाला था।

अब आप बताइए, ये कैसा Co Incidence है? एक ही दिन में दो देश एक साथ अचानक से एक देश 47 साल बाद जाग रहे हैं। थोड़े दिन आप देखेंगे कि आढ में मिशन लेकर पहुंच जाएगा अमेरिका उसी जगह पर साउथ पोल पर तो भारत ने दिखाया रास्ता और अब भारत ही पिछड़ता नजर आ रहा है। यह साजिश है या सिर्फ एक Co Incidence? आपको क्या लगता है।

क्या Luna-25 काफी तेज है चंद्रयान 3 से

ध्यान रखिए दोस्तों काफी स्ट्रॉन्ग रॉकेट से लॉन्च किया जाने वाला Luna 25। अब जब जैसा की हमने आपको बताया शुरुआत में पूरा गांव खाली करवाया जा रहा है। आपने सुना कि श्रीहरिकोटा के पास कोई गांव खाली करवाया गया। कितना बड़ा रॉकेट होगा जरा सोच के देखिए। जितनी स्ट्रांग स्टेजेज होंगी उसके कि वह पांच दिनों के अंदर ही चंद्रमा तक 3,84,000 किलोमीटर की दूरी तय कर हमें काफी वक्त लगा। हमें Earth के ऑर्बिट में कई बार चक्कर काटने पड़े। तब जाकर हमारी स्पीड बढ़ी तो उसकी स्पीड कितनी होगी?

सोचिए कितना अडवांस्ड होगा Luna 25 किस तरीके से चंद्रयान 3 को पछाड़ सकता है? लेकिन दोस्तों, इस कहानी के दो पहलू हैं। पहला नंबर तो एक हमने आपको बताया कितना स्ट्रांग रॉकेट यूज करें, कितना एडवांस इसका लैंडर मॉड्यूल होगा, चीन का लैंडर और उनका रोवर और तीसरी इंपॉर्टेंट चीज जो है वह है रसिया का एक्सपीरियंस स्पेस। यह बात हम नहीं भूल सकते हैं कि रसिया वो देश है जिसने दुनिया में सबसे पहले मानव जाति में सबसे पहले व्यक्ति को अंतरिक्ष में भेज करके कीर्तिमान रचा था।

हम बात करें यूरी गागरिन की पृथ्वी के पहले अंतरिक्ष यात्री। यह कीर्तिमान है रसिया के नाम पर और अब इसरो की लड़ाई रसिया के साथ में। लड़ाई तो नहीं कह सकते पर एक प्रतिस्पर्धा, एक हेल्दी कंपटीशन कह सकते हैं लेकिन यह कॉम्पिटिशन हेल्दी तब होती जब Lunar 25 की डेट पहले से पता होती। चलिए मान लेते है यह तय था कि 11 अगस्त को भेजने वाला, लेकिन जरा देखिए कितना ज्यादा Co Inside कर रहा है। एक तरफ भारत 23 अगस्त प्लान कर रहा है। 23 अगस्त रसिया भी प्लान कर रहा है। यह बात इंटरनैशनल मीडिया में फ्लैश क्यों नहीं की गई?

या हम सबको पता क्यों नहीं थी? या अभी निकलकर आई है सामने किस प्रकार का हो रहा? जरा सोच के देखिए, अच्छा ठीक है, खबर नहीं आई या खबर आई भी लेकिन हम तक पहुंच नहीं पाई। इसे थोड़ा देर के लिए किनारे कर देते हैं लेकिन दो स्पेस एजेंसी का एक ही जगह टारगेट करना यह अजीब नहीं लग रहा आपको? या तो ऐसा है कि बहुत बड़ी स्पेस रेस ऑलरेडी शुरू हो चुकी है और हम तक इंफॉर्मेशन बहुत देर में पहुंची।

साउथ पोल पर छिपे है अनसुने रहस्य

साउथ पोल जो है वह आइस डेस्टिनेशन बन चुका है, क्योंकि वहां पर वाकई में आइस है, जहां फ्रोजन वॉटर आइस मौजूद है और उस आइस का इस्तेमाल फ्यूल बनाने के लिए भी किया जा सकता है। उससे पानी भी लिया जा सकता है पीने योग्य और ऑक्सिजन बनाने का भी उसका इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब वहां पर सीधे सीधे बेस बनाया जा सकता है और अगर बेस बना लिया जाए तो दो चीजें होंगी। सबसे पहली चीज एक तो अंतरिक्ष को समझने में आसानी होगी। अंतरिक्ष के अनसुने रहस्य। इस सौरमंडल की संरचना कैसी हुई और जीवन कैसे आया, इसे समझने का हमें चांस मिलेगा।

यह भी हम समझ सकते हैं कि अगर जीवन खत्म होगा तो कैसे होगा और दूसरी चीज वहां पर मौजूद इंपॉर्टेंट खनिजों की स्टडी क्योंकि आप जब तक वहां पर रहेंगे नहीं, तब तब आप बता नहीं सकते कि इसके अंदर क्या है। यहां से कितने भी आप रोवर भेज लीजिए, कितने भी रोबॉट्स भेज लीजिए लेकिन एक्चुअल आपको इंफॉर्मेशन वहां रहकर ही पता चल सकेगी। अगर वहां पर हमारे लोग रहेंगे और एस्ट्रोनॉट्स रहेंगे, एक्सपेरिमेंट्स होंगे तभी पता चलेगा कि इस जमीन के नीचे क्या छिपा है

आज धरती पर कई सारी चीज़ें काम करती हैं। सर्वे ऑफ इंडिया काम करती है। हमारे देश के अंदर में काफी सारी रिसर्च एजेंसियां काम करती। तब पता लगा पाती कि यहां जमीन के नीचे कोयला दबा है या यहां पर सोने के भंडार हो सकते हैं। यहां पर हीरा मिलेगा तो चंद्रमा में रुकना पड़ेगा। ठहरना पड़ेगा तब जाकर के उसके अंदर क्या दबा हुआ है। जिसको मानव जाति इस्तेमाल कर सकती है पता चलेगा। अभी तो सब कुछ सतही है और इसीलिए सबसे पहला स्टेप है वहां पर बेस बनाना। तो जो साउथ पोल में उतर जाएगा पहले जिसके पास में ज्यादा इंफॉर्मेशन है कि जिसके पास बेटर टेक्नोलॉजी रहेगी वही वहां पर सबसे पहले बेस बनाएगा। जिसने बेस बनाया तो समझो फिर उसका वो हो गया।

समझ रहे हो हम क्या कहना चाह रहे बने रहे हमारे साथ अगली पोस्ट में आपको बताएंगे Lunar 25 है क्या? इसके अंदर क्या क्या कैपेबिलिटी है। क्या इसकी स्पीड है कि कैसे चंद्रयान तीन को हराएगा और क्या वाकई में हरा पाएगा? क्या यह न्यूज कन्फर्म है कि चंद्रयान तीन अब पिछड़ने वाला है Lunar 25 से? इन सारी बातों की जानकारी के लिए मिलिए हमसे अगले पोस्ट में।

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