क्या आपको पता है Sarfaraz 97 नंबर जर्सी क्यों पहनते हैं? असली वजह जानेंगे तो दिल से सलाम करोगे 

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Sarfaraz Khan Jersey Number: सरफराज के जर्सी नंबर 97 का एक बड़ा राज बाहर आया। कैसे सरफराज ने अपने जर्सी नंबर में अपने पिता के नाम को समाया। सरफराज खान टीम इंडिया का नया स्टार। पहले ही मैच से पूरी दुनिया में छा जाने वाला खिलाड़ी। पहले ही मैच में बड़े बड़े विश्व रिकॉर्ड ध्वस्त कर देने वाला बल्लेबाज 130 के औसत से बल्लेबाजी कर रहा है और आते ही उसने इंग्लैंड जैसी भयंकर टीम के खिलाफ मजबूत टीम के खिलाफ उसके छक्के छुड़ा दिए। बेस बॉल की बैंड बजा दी। 

सरफराज जब बल्लेबाजी कर रहा था तो आपने बहुत ध्यान से देखा होगा कि इस खिलाड़ी का जर्सी नंबर बड़ा स्पेशल जर्सी नंबर है 97. तो आखिरकार सरफराज की इस जर्सी नंबर का राज क्या है? 97 नाम की ही जर्सी इस नंबर की जर्सी फ्रांस खान क्यों पहनते हैं और इस जर्सी नंबर में उनके पिता का नाम कैसे शामिल है, इसकी कहानी हम आपको बताते  है। 

सरफराज की इस जर्सी नंबर का राज क्या है?

जैसा कि आपको पता ही होगा कि सरफराज ने बहुत लंबे इंतजार के बाद इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच से टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था। उससे पहले लगातार पांच साल से वह क्रिकेट खेल रहे हैं। हर साल रणजी ट्रॉफी में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शतक पर शतक ठोक रहे हैं। कभी 90 के औसत से रन बना रहे हैं, कभी 100 के औसत से रन बना रहे थे, लेकिन उनको टीम में मौका नहीं मिल रहा था। आखिरकार जाकर उनकी मेहनत सफल हुई और तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के खिलाफ उनको मौका मिला और पहले ही मैच में उन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर यह भी साबित कर दिया कि उनके अंदर दम है। 

सरफराज क्रिकेट की दुनिया पर राज करने के लिए आया है और इसी दौरान उनके जर्सी नंबर पर जब नजर गई लोगों की तो एक दिलचस्प कहानी निकलकर सामने आई। सरफराज का जर्सी नंबर 97 है और अगर इसको आप हिंदी में अलग अलग पढ़ेंगे तो एक नंबर नौ है और एक नंबर सात। तो अब नौ और सात को जब आप एक साथ पढ़ेंगे ना तब आपको कहानी निकलकर सामने आएगी कि आखिरकार पिता का ये कनेक्शन है। 

जर्सी नंबर में उनके पिता का नाम कैसे शामिल?

इस नंबर से जब आप नौ और सात को एकसाथ पढ़ेंगे तो क्या पढ़ेंगे? नौशाद एक बार फिर से पढ़ेंगे तो आप फिर सोचेंगे कि यार कुछ तो समझ में आ रहा है। कुछ तो सिमिलैरिटी है, फिर आप पढ़ेंगे, फिर मुंह से निकलेगा नौशाद। अब आप जब सरफराज के पिता के नाम पर गौर करेंगे तब आपको सारी कहानी समझ में आ जाएगी। सरफराज के पिता का नाम क्या है? नौशाद और सरफराज के जर्सी का नंबर क्या है? नौशाद तो दोनों लगभग लगभग मिलते  झूलते शब्द हैं। 

दोनों की ध्वनि सिमिलर निकल रही है। नौशाद, नौशाद इसी वजह से सरफराज ने ये जर्सी नंबर चुना है और ये जर्सी नंबर उनके पिता के लिए बहुत बड़ा सपना था क्योंकि उनके पिता भी खेलते थे। टीम इंडिया से खेलने का उनका सपना था। उनको वो सपना पूरा करने का मौका तो मिला। मतलब क्रिकेट खेले लेकिन टीम इंडिया तक नहीं पहुंच पाए। वो सपना अधूरा रह गए। लेकिन फिर उन्होंने अपने बच्चों के अंदर वो सपना देखा। लगातार बहुत मेहनत की। 15 सालों तक रोज 500 गेंदें सरफराज को खिलाई, मुशीर को खिलाई। तब जाकर दोनों बच्चे टीम इंडिया तक पहुंच पाए।

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बड़ा बेटा यानी कि सरफराज टीम इंडिया की नेशनल टीम तक पहुंच गया और छोटा बेटा टीम इंडिया की अंडर टीम तक पहुंच गया। उसने भी हाल ही में बहुत झंडे गाड़े थे। तो ये कहानी है सरफराज के 97 जर्सी नंबर की और सैल्यूट है सरफराज को कि उन्होंने अपने जर्सी नंबर में भी अपने पिता का नाम एक तरीके से रख दिया। 

टीम इंडिया के लिए टीम इंडिया की जर्सी में क्रिकेट खेलने का सपना एक तरीके से पूरा कर लिया। तो कैसी लगी ये कहानी, बताइएगा।


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