इंग्लैंड ने फिर खेल भावना की धज्जियां उड़ाई। रांची टेस्ट मैच में टीम इंडिया मुश्किल में आई। रोहित के जुबान पर गाली सुनने में आई क्या? रांची टेस्ट मैच के दूसरे दिन का खेल खत्म हो चुका है। टीम इंडिया ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक सात विकेट के नुकसान पर 219 रन बना लिए हैं। लेकिन दूसरे दिन के खेल में एक वाक्य ऐसा भी देखने को मिला जो कि शायद क्रिकेट फैंस अब आने वाले दिनों में भुला पाएंगे।
क्योंकि दूसरे दिन इंग्लैंड की तरफ से खेल भावना की पूरी तरह से धज्जियां उड़ा दी गई। खेल भावना को पूरी तरह से तार तार कर दिया गया और इसके पीछे मकसद सिर्फ इतना है कि रांची टेस्ट मैच में इंग्लैंड हर हालत में जीत हासिल करना चाहती है। आखिर कैसे हुई इस मैच में इंग्लैंड की तरफ से यह बड़ी चीटिंग और आखिर कैसे इस चीटिंग को देखने के बाद टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को भी आ गया गुस्सा। चलिए अपनी रिपोर्ट हम आपको बता देते है।
क्या रोहित शर्मा ने फिर दी गाली?
दरअसल, भारत के खिलाफ रांची टेस्ट मैच में इंग्लैंड की पहली पारी सिर्फ 353 रनों पर सिमट गई। इस छोटे से लक्ष्य को स्कोरबोर्ड पर लगाने के बाद इंग्लैंड के सामने सीरीज में लगातार तीसरी हार का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे में भारत के खिलाफ गेंदबाजी करने के लिए उतरी इंग्लैंड ने एक खास रणनीति बनाई और यह रणनीति साफ थी कि चाहे जो भी हो जाए मैच में भारत के खिलाफ खुद को 19 साबित नहीं करने देना है।
इसी बीच भारत की पारी के 20 ओवर में इंग्लैंड की तरफ से एक खुली बेईमानी करने की कोशिश की गई। इस ओवर में ओली रॉबिंसन की गेंद पर यशस्वी जयसवाल के बल्ले का किनारा लेकर गेंद विकेटकीपर बेन फोक्स की तरफ गई। बेन फोक्स ने इस कैच को पकड़कर जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया। फोक्स के साथ साथ स्लिप में खड़े इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जो रूट ने भी कैच को क्लेम किया और इंग्लैंड की टीम का हर खिलाड़ी टीम इंडिया के इस विकेट पर जश्न मनाने लगा।
हालांकि अंपायर ने यशस्वी जायसवाल को आउट नहीं दिया क्योंकि वह कैच को लेकर कन्फर्म नहीं थे। बहरहाल, फील्ड अंपायर ने इस कैच का फैसला थर्ड अंपायर को भेजा। थर्ड अंपायर ने फोक्स को कैच का रीप्ले में देख रहे थे। इंग्लैंड की टीम ने अचानक मैदान पर विकेट का जश्न मनाना शुरू कर दिया। हालांकि थर्ड अंपायर ने पाया कि गेंद फोक्स के दस्तानों में जाने से पहले जमीन से टकरा गई है। इसी वजह से थर्ड अंपायर ने यशस्वी को नॉट आउट करार दे दिया और इंग्लैंड के चेहरे पर दुख साफ देखने को मिला।
यह तो अच्छा हुआ कि फील्ड अंपायर ने यशस्वी जयसवाल के विकेट का रिव्यू लेने के लिए थर्ड अंपायर से पूछ लिया, नहीं तो अगर थर्ड अंपायर ने फील्डर की कही बात को सही मानते हुए यशस्वी जयसवाल को आउट दे दिया होता तो शायद इसका खामियाजा टीम इंडिया को ही भुगतना होता। वहीं अगर बात करे टीम इंडिया की तो इंग्लैंड की पारी में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने खेलभावना का एक शानदार उदाहरण भी पेश किया था।
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क्योंकि इंग्लैंड की पारी के 102वें ओवर में कुलदीप यादव की चौथी गेंद पर जो रूट के बल्ले का किनारा लेकर गेंद रोहित शर्मा की ओर चली गई थी। स्लिप में खड़े रोहित शर्मा ने इस कैच को पकड़ा तो जरूर लेकिन क्योंकि वह कन्फर्म नहीं थे कि रूट आउट हैं या नहीं। इसीलिए उन्होंने खेल भावना दिखाते हुए तुरंत अंपायर को थर्ड अंपायर से रीप्ले चेक कराने को कहा। जिसके बाद थर्ड अंपायर ने पाया कि गेंद रोहित के हाथ में पहुंचने से पहले जमीन से टकरा गई थी और रूट को 119 रनों के निजी स्कोर पर जीवनदान मिल गया था।