Dhruv Jurel Half Century: रांची टेस्ट में टीम इंडिया को मिल गया उसका नया धोनी। इंग्लैंड के खिलाफ मैच की पहली पारी में कर दी अनहोनी। रांची के शहर को यूं तो पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के शहर के तौर पर जाना जाता है, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ जारी रांची टेस्ट मैच में टीम इंडिया की पहली पारी में जैसी अनहोनी देखने को मिली है उसके बाद तो हर तरफ सिर्फ एक नाम के चर्चे हो रहे हैं और यह नाम है किसी और का नहीं बल्कि टीम इंडिया के नए विकेटकीपर बल्लेबाज Dhruv Jurel का। वह Dhruv Jurel जो कि कारगिल युद्ध के एक सिपाही के बेटे हैं, जिनके लिए टीम इंडिया के लिए खेलना एक बड़ा ख्वाब था।
उन्होंने राजकोट टेस्ट में ही टीम इंडिया के लिए अपना इंटरनैशनल डेब्यू किया था। हालांकि राजकोट में भी Dhruv Jurel ने शानदार विकेटकीपिंग की थी, अच्छी बल्लेबाजी की थी लेकिन क्योंकि राजकोट टेस्ट मैच में यशस्वी जयसवाल ने शानदार दोहरा शतक जड़ा। सरफराज खान भी अच्छी बल्लेबाजी करते रहे। इसीलिए Dhruv Jurel बहुत ज्यादा चर्चाओं में नहीं आए। लेकिन रांची टेस्ट मैच में टीम इंडिया के लिए ध्रुव शोरे ने एक ऐसी संकटमोचक की पारी खेली, कुछ ऐसा प्रदर्शन किया कि आज उनकी तुलना पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ होने लगी है।
और अब तो ऐसा लग रहा है कि Dhruv Jurel ने टीम इंडिया में आने के बाद कई दूसरे नामों के लिए खतरे की घंटी भी बजा दी है।
Dhruv Jurel ने लगाई हाफ सेंचुरी
बहरहाल, रांची टेस्ट मैच में टीम इंडिया की अगर पहली पारी की बात की जाए तो Dhruv Jurel टीम इंडिया के लिए टॉप स्कोरर रहे। उन्होंने 90 रनों की शानदार पारी खेली और इस दौरान उन्होंने टीम इंडिया के पिछले बल्लेबाजों के साथ में पारी खेलते हुए टीम इंडिया को संकट की स्थिति से उबारा।
दरअसल इंग्लैंड ने टीम इंडिया के खिलाफ पहली पारी में 353 रन बनाए थे। टीम इंडिया को शुरुआत से ही लगातार झटके लग रहे थे। Dhruv Jurel जिस वक्त बल्लेबाजी करने के लिए आए उस वक्त टीम इंडिया ने 161 रन के स्कोर पर पाँच विकेट गंवा दिए थे। और तो और 171 रनों का स्कोर आते आते तो टीम इंडिया के सात विकेट गिर गए थे। लेकिन फिर Dhruv Jurel ने ना सिर्फ भारत की पारी को संभाला बल्कि अपने टेस्ट करियर की पहली हाफ सेंचुरी भी जड़ दी। Dhruv Jurel ने पहले तो 96 गेंदों पर मैच के तीसरे दिन तीन चौके और एक छक्के की मदद से अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की और इसके बाद जरूरत के मुताबिक कभी धीमे तो कभी आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए छक्के भी लगाए।
हालांकि Dhruv Jurel अपने पहले टेस्ट शतक को पूरा करने के काफी करीब तक पहुंचे, लेकिन दूसरे छोर से मदद न मिलने के चलते वह महज 10 रनों से इस उपलब्धि को हासिल करने से चूक गए। हालांकि यहां पहुंचने के बाद उन्होंने टीम इंडिया के लिए मैच को काफी हद तक सुरक्षित कर दिया है। Dhruv Jurel ने कुलदीप यादव के साथ मिलकर आठवें विकेट के लिए 76 रनों की बेशकीमती पार्टनरशिप की तो वहीं नौवें विकेट के लिए आकाशदीप सिंह के साथ मिलकर भी 40 रनों की पार्टनरशिप की।
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हकीकत तो यह है कि टीम इंडिया के बल्लेबाजों को जल्द पैवेलियन भेजने के बाद एक वक्त पर इंग्लैंड को रांची में भारत के खिलाफ बड़ी बढ़त की उम्मीद दिख रही थी। लेकिन Dhruv Jurel की पारी ने इंग्लैंड के अरमानों पर पानी फेर दिया और इंग्लैंड को पहली पारी में सिर्फ 46 रनों की बढ़त पर ही रोक दिया। भारत की पारी में Dhruv Jurel के अलावा सिर्फ यशस्वी जयसवाल ही एक सम्मानजनक स्कोर बना पाए। यशस्वी जायसवाल ने मैच में 73 रनों की पारी खेली। इंग्लैंड की ओर से शोएब बशीर ने सबसे ज्यादा पाँच विकेट लिए।