BCCI के फैसले पर हैरान भारतीय कप्तान। क्या नाइंसाफी और सख्ती का शिकार हुए हैं श्रेयस और इशान? जहां बीसीसीआई ने अपने नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान क्या किया, एक नया विवाद शुरू हो गया है। वजह यही है कि श्रेयस अय्यर ईशान इशान किशन जैसे वो दो खिलाड़ी जो कि पिछले साल क्रिकेट के हर फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए इंटरनैशनल क्रिकेट खेलते नजर आए, उन्हें बीसीसीआई ने नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में जगह नहीं दी और जैसी कि रिपोर्ट सामने आई ये बात साफ थी कि उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हुई है।
लेकिन अब टीम इंडिया के कप्तान की तरफ से श्रेयस अय्यर और ईशान किशन के लिए हमदर्दी जताई गई है और इन दोनों ही क्रिकेटर्स को सख्ती और नाइंसाफी का शिकार बता दिया गया है। तो आखिर कौन है ये टीम इंडिया का कप्तान जिसने श्रेयस और ईशान के साथ हमदर्दी जताई है और बीसीसीआई के फैसले पर कहीं ना कहीं इशारों इशारों में सवाल उठा दिए हैं।
आपको बता दें कि ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को बीसीसीआई द्वारा कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिए जाने के बाद से जो विवाद शुरू हुआ है उस पर पूर्व भारतीय कप्तान ने इन दोनों क्रिकेटर्स के साथ हमदर्दी जताई है। दरअसल ये पूर्व भारतीय कप्तान हैं। भारत की महिला क्रिकेट कप्तान रह चुकी अंजुम चोपड़ा जिन्होंने एक बड़ी टिप्पणी की है।
भारत की महिला कप्तान अंजुम चोपड़ा ने क्या कहा
अंजुम चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सिर्फ अनुशासन के कारण अगर इन दोनों क्रिकेटर्स को यह सजा दी गई है तो इसे आप नाइंसाफी या सख्ती कह सकते हैं। भारत की महिला टीम की दिग्गज कप्तान रहीं अंजुम चोपड़ा। आप सभी जानते हैं कि बीसीसीआई ने ईशान किशन और श्रेयस अय्यर से अपना सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वापस ले लिया है। इस इंटरव्यू में श्रेयस अय्यर और इशान किशन से बीसीसीआई द्वारा सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट वापस लिए जाने को अंजुम चोपड़ा ने सख्ती बताया।
हालांकि अंजुम चोपड़ा इस बात को लेकर भी हैरान दिखी कि वो हार्दिक पांड्या जोकि लंबे अरसे से क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं, टीम इंडिया के लिए तीनों फॉर्मेट भी नहीं खेलते। उन्हें बीसीसीआई ने अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में बरकरार रखा है। यहां पर हार्दिक पांड्या और ईशान किशन, श्रेयस अय्यर इन तीनों के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट पर बात करते हुए पहले अंजुम चोपड़ा ने कहा, हार्दिक पांड्या के कॉन्ट्रैक्ट को लेकर क्या कारण हैं, मैं नहीं जानती।
ईशान वर्ल्ड कप के बाद साउथ अफ्रीका दौरे से हट गए थे और अब वह सीधा आईपीएल खेलेंगे। ईशान के साथ कोई अलग कारण है तो वह मैनेजमेंट जानता होगा या फिर खिलाड़ी। लेकिन दो खिलाड़ियों के लिए अलग अलग मापदंड नहीं रख सकते। वहीं ईशान किशन के अलावा श्रेयस अय्यर की बात की जाए तो श्रेयस अय्यर हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज के भी शुरुआती टीम का हिस्सा थे।
लेकिन अपने खराब प्रदर्शन के बाद श्रेयस अय्यर को भी बीसीसीआई और टीम मैनेजमेंट की तरफ से घरेलू क्रिकेट में खेलने के लिए हिदायत दी गई। लेकिन श्रेयस अय्यर ने घरेलू क्रिकेट खेलने की बजाय आईपीएल से पहले खुद को टी ट्वेंटी फॉर्मेट के लिए मैच फिट करने की जरूरत समझी और इसके बाद बीसीसीआई ने श्रेयस अय्यर पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की।
अंजुम चोपड़ा ने ईशान श्रेयस के साथ जताई हमदर्दी
इस पूरे मामले पर अंजुम चोपड़ा ने कहा, मैंने भी मीडिया के माध्यम से ही पढ़ा है। यह सही है कि हम घरेलू क्रिकेट का स्तर नीचे नहीं कर सकते। घरेलू क्रिकेट कितना है, हम देख रहे हैं। हम कहते थे कि आईपीएल अहम है लेकिन आज जिन नए खिलाड़ियों ने डेब्यू किया है, ये घरेलू क्रिकेट से ही निकलकर आए हैं। जो कारण दिए गए उसे देखकर लग रहा है कि थोड़ी ज्यादा सख्ती की गई।
जरूरी नहीं कि सभी कारण मीडिया को बताया जाए। अगर कोई और कारण है तो मुझे भरोसा है कि मैनेजमेंट ने श्रेयस अय्यर, ईशान किशन से बात की होगी। उनसे कहा गया होगा कि वो खेलें। कुल मिलाकर अंजुम चोपड़ा ने श्रेयस अय्यर और ईशान किशन दोनों के साथ हमदर्दी जताई।
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शायद अंजुम चोपड़ा कहना चाहती हैं कि शायद ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को बीसीसीआई द्वारा वॉर्निंग देकर छोड़ा जा सकता था। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में उनका डिमोशन किया जा सकता था, जिससे शायद इन दोनों ही क्रिकेटर्स को एक सख्त संदेश जाता और जो मकसद बीसीसीआई चाहता था वो भी पूरा हो जाता। बहरहाल, अंजुम चोपड़ा को उम्मीद है कि बोर्ड का ये फैसला अब युवा क्रिकेटर्स के लिए भी भारतीय क्रिकेट के मैनेजमेंट में एक नई नजीर साबित हो सकता है।