Sarfaraz Khan: सरफराज अब बन गए हैं टीम इंडिया की मजबूरी, तीन वजह से खिलाना है बहुत जरूरी। जी हां, बहुत सारे लोग ऐसा दावा कर रहे थे कि जब विराट वापस आ जाएंगे, मेन प्लेयर्स वापस आ जाएंगे तो सरफराज को टीम से बाहर कर दिया जाएगा और कई लोग ये भी दावा करते थे कि चौथे टेस्ट में भी पता नहीं उनकी जगह बनती है या नहीं बनती है।
हो सकता है कि राहुल आएंगे तो उनको बाहर बैठना पड़े क्योंकि जूनियर रह रहे पाटीदार को लगातार और मौका दिया जाएगा। क्यों सरफराज टीम इंडिया के लिए जरूरी है और न सिर्फ जरूरी है बल्कि वह टीम इंडिया की मजबूरी भी है। ये तीन वजह एक एक करके हम आपको बताएंगे। जो ये साबित करते हैं कि सरफराज न सिर्फ चौथे मैच में खेलेंगे। प्लेइंग इलेवन में उनका नाम होगा, शर्तिया होगा बल्कि पांचवें मैच में भी उनको प्लेइंग इलेवन से कोई नहीं हटा सकता। यानी कि अभी उनके दो मैच पूरी तरीके से पक्के हैं। इनकी एक वजह जो टीम इंडिया की मजबूरी बन गए हैं, क्यों टीम इंडिया के लिए वो जरूरी है।
3 बड़ी वजह सरफराज को टीम में रखने की
सबसे पहली वजह है उनका शानदार डेब्यू। अब जिस खिलाड़ी ने अपने डेब्यू मैच में ही 130 रन ठोक दिए हों वो भी 130 के औसत के साथ और लगभग 100 के स्ट्राइक रेट के साथ।
दोनों पारियों में पचासे मारें हो उसको आप कैसे हटा सकते हैं? उसने तो मिडिल ऑर्डर में आकर आपकी नैया पार लगाई। रोहित शर्मा जब आउट हुए तो पहली पारी में सरफराज अगर आकर काउंटर अटैक नहीं करते तो टीम इंडिया वहीं ढेर हो जाती। क्योंकि टेल में बहुत ज्यादा एक्सपीरियंस है नहीं। सरफराज ने रविंद्र जडेजा के साथ मिलकर एक पार्टनरशिप की। उसने टीम इंडिया को एक मजबूत शुरुआत दिलाई।
दूसरी वजह पहले ही मैच में ऐसा महान रिकॉर्ड बना देना जो बड़े बड़े धुरंधर नहीं बना पाए। जो विराट कोहली नहीं बना पाए। सौरभ गांगुली नहीं बना पाए मोहम्मद ताजुद्दीन नहीं बना पाए, वीरेंद्र सहवाग नहीं बना पाए वो रिकॉर्ड, बनाया है। सफर आसान और वो रिकॉर्ड है पहले ही टेस्ट की दोनों पारियों में पचासा ठोकना। सिर्फ और सिर्फ तीन ही खिलाड़ी। सरफराज खान से पहले ऐसा कर पाए थे। सोचिए 300 से ज्यादा टेस्ट खिलाड़ी टीम इंडिया को मिले हैं। उसमें से सिर्फ तीन खिलाड़ी ऐसे थे जो पहले मैच की दोनों पारियों में पचासा बना पाए थे।
सरफराज ऐसे चौथे खिलाड़ी बने हैं। तो ये जो महादिक और उन्होंने बनाया है ना ये उनको सबसे अलग करता है, स्पेशल बनाता है और ये भी बताता है कि सरफराज को आप ऐसे ही टीम से हटा नहीं सकते। एक बड़ी वजह चाहिए होगी। और तीसरी वजह है सरफराज का बेस बॉल अंदाज। बहुत कम ऐसे क्रिकेटर हैं जो सरफराज की तरह निडर होकर सामने वाली टीम को अचानक से बैकफुट पर ले आते हैं। निडर होकर खेलते हैं, चौके छक्के लगाते हैं। बेस बॉल वालों की धुनाई बेस बॉल अंदाज में ही कर रहे हैं।
सरफराज पहले मैच की पहली पारी थी, जिसमें 66 बॉल पर 62 ठोक दिए। दूसरी पारी में नॉटआउट 68 ठोक दिए। लंबे लंबे चौके, लंबे लंबे छक्के लगाए। उसने इंग्लैंड को इंग्लैंड के गेंदबाजों को खपा दिया। समझ नहीं आ रहा था कि किसको कहां गेंदबाजी करें। सामने वाले बल्लेबाज डिफेंस कर रहे हैं। इधर से सरफराज धुलाई पर धुलाई कर रहा है तो ये जो बेस बॉल वाला अंदाज है ना ये आपको एक सेशन में मैच जिता देता है। ये अंदाज रिषभ पंत का था।
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उन्होंने आपको इंग्लैंड में भी जिताया, ऑस्ट्रेलिया में भी जिताया। सीना कंट्री में ऋषभ पंत का बेस बॉल अंदाज से मीडिया के बहुत काम आया था। लेकिन अब वहां पर कोई बेस बॉल वाला ही नहीं। एक ओपनिंग में यशस्वी हैं तो नीचे मिडलऑर्डर में सिर्फ और सिर्फ सरफराज दिख रहे हैं जो इस अंदाज में खेल सकते हैं। तो ऐसे प्योर मैच विनर को ये प्योर मैच विनर आपके लिए जरूरी है और आपकी मजबूरी भी है क्योंकि वो ऐसा खेल रहा है। तो इन तीन वजह से सरफराज कम से कम मुझे लगता है कि आगे के 10 टेस्ट मैच खेलेंगे। उनको टीम से कोई नहीं हटा सकता।