Sarfaraz Khan Success Story: फिल्मी कहानी है Sarfaraz Khan का संघर्ष, Lockdown में 1600 km का सफर

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Sarfaraz Khan Success Story: सरफराज खान के संघर्ष का खुल गया राज। 1600 किलोमीटर का सफर और 500 गेंदों से तैयार हुआ जांबाज। राजकोट टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ जैसा प्रदर्शन जैसा बेहतरीन डेब्यू सरफराज खान का हुआ। आज हर तरफ उन्हीं की चर्चाएं हो रही हैं। चाहे वो क्रिकेट के फैन हों या फिर क्रिकेट के बड़े बड़े दिग्गज। सरफराज खान की हर कोई तारीफ कर रहा है। उन्हें भारतीय क्रिकेट का मुस्तकबिल यानी कि भविष्य बताया जा रहा है।

टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने तो साफ साफ कह दिया है कि सरफराज खान में रनों की ऐसी भूख है कि वो अकेले ही विरोधी टीम को खाने का दम रखते हैं, वैसे राजकोट टेस्ट में इंग्लैंड के फिरकी स्पिनर्स के खिलाफ सरफराज खान बेबाक और एकदम निर्भीक होकर बल्लेबाजी करते नजर आए। उनका ये आक्रामक बल्लेबाजी का अंदाज आखिर उनमें आया कैसे? 

आज उनके इसी संघर्ष की कहानी, उनके इसी स्पिन स्पेशलिस्ट बनने की कहानी हम आप तक लेकर आए हैं क्योंकि सरफराज खान का अपने आप में स्पिन के खिलाफ बल्लेबाजी करने का चैंपियन बनना है या यूं कहें कि स्पिन के खिलाफ महारथ हासिल करना एक ऐसा संघर्ष है जो कि हर बल्लेबाज के बूते की बात नहीं है। तो क्या है सरफराज खान के स्पिन के महारथी या स्पिन के खिलाफ महारथ हासिल करने की कहानी? चलिए जानते है।

Sarfaraz Khan Success Story

राजकोट टेस्ट में अपने डेब्यू की दोनों पारियों यानी कि 62 और नॉटआउट 68 रनों की शानदार पारियों के दौरान सरफराज खान ने इंग्लैंड के फिरकी गेंदबाजों के खिलाफ जमकर बड़े बड़े शॉट्स खेले। सरफराज खान स्पिन के खिलाफ बेबाक होकर लंबे लंबे छक्के लगा रहे थे, जिससे पता चला कि वो स्पिनर्स के खिलाफ कितनी तैयारी के साथ मैदान पर उतरे थे। लेकिन आखिर सरफराज खान स्पिन के महारथी कैसे बने। तो इसके पीछे एक लंबी लेकिन रोचक कहानी है। 

दअसल सरफराज खान ने स्पिन के खिलाफ तैयारी करने की शुरुआत कोरोना काल में की थी। और कोरोना काल में इस तैयारी के लिए जहां उन्होंने करीब 1600 किलोमीटर की कार यात्रा की तो वो रोजाना 500 गेंदें खासतौर से स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ खेला करते थे। 

दरअसल लॉकडाउन के दौरान सरफराज खान ने मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून में कार से यात्रा की। हालांकि दुनिया सरफराज खान के क्रिकेट कोच के तौर पर उनके पिता नौशाद खान को जानती है। लेकिन इस दौरान सरफराज खान को स्पिन के खिलाफ महारत हासिल करने में कई और क्रिकेट कोचेज का भी योगदान रहा। 

सरफराज खान के पिता नहीं है उनके कोच?

इस बीच सरफराज खान ने भुवनेश्वर कुमार के कोच संजय रस्तोगी, मोहम्मद शमी के कोच बदरुद्दीन शेख, कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे, गौतम गंभीर के कोच संजय भारद्वाज और अभिमन्यु ईश्वरन के पिता आरपी ईश्वरन से भी क्रिकेट की टिप्स ली। 

जैसे लॉकडाउन के दौरान सरफराज खान ने क्रिकेट के नेट्स में खूब पसीना बहाया। वैसे आपको बता दें कि साल 2021 के दौरान लगे लॉकडाउन में सरफराज खान ने अपनी क्रिकेट को और गंभीरता से लिया। लॉकडाउन के दौरान सरफराज ने पहले मुंबई में प्रैक्टिस में खुद को रूम आया जहां आजाद मैदान क्रॉस और ओवल में उन्होंने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ तैयारी की तो फिर कार से 1600 किलोमीटर का सफर तय कर वो कई क्रिकेट कोच से मिलने के लिए पहुंचे। 

इसी दौरान सरफराज खान ने मुंबई से अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, कानपुर, मथुरा और देहरादून के कई क्रिकेट कोचेज से मुलाकात की और क्रिकेट की बारीकियां सीखी। लॉकडाउन में भी सरफराज खान हर दिन नेट्स पर करीब 500 गेंद खेला करते थे। लॉकडाउन के दौरान सरफराज की मदद करने वाले कुलदीप यादव के कोच कपिल पांडे ने सरफराज को लेकर कहा, लॉकडाउन के समय नौशाद ने मुझे फोन किया। हम दोनों आजमगढ़ के हैं और हमने मुंबई में साथ क्लब क्रिकेट खेला है। तो जब उन्होंने सरफराज को लेकर बात की तो मुझे लगा कि यह मेरी जिम्मेदारी है। 

लॉकडाउन के बाद सरफराज ने कुलदीप यादव का हमारी कानपुर अकैडमी में काफी सामना किया। दोनों ने एक साथ कई नेट सेशन में भाग लिया। मुंबई की लाल मिट्टी में खेलकर बड़ा हुआ सरफराज स्पिनर्स के खिलाफ शानदार खेलता है और वह अपने पैरों का भी काफी अच्छे से उपयोग करता है।

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ऐसा नहीं है कि सरफराज खान को सिर्फ स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ ही बल्लेबाजी करने में महारत हासिल है। हकीकत तो यह है कि सरफराज खान तेज गेंदबाजों के खिलाफ भी उतना ही अच्छा खेलते हैं जैसा वह स्पिन के खिलाफ खेलते हैं और फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बड़ी बड़ी पारियां खेलना सरफराज की आदत बन चुकी है जो कि टीम इंडिया के लिए टेस्ट क्रिकेट के फॉर्मेट यानी कि क्रिकेट के सबसे मुश्किल फॉर्मेट में भी अब उनकी मंझी हुई तैयारी को साफ साफ बयां करती है। 

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सरफराज ने अपने बेहतरीन डेब्यू से इस उम्मीद को और जिंदा कर दिया है। बस देखना यह है कि भविष्य में सरफराज अपनी इस तैयारी को टीम इंडिया के लिए इंटरनैशनल मंच पर और कितना ज्यादा भुना पाते हैं और टीम इंडिया के लिए और कितनी बड़ी बड़ी पारियां खेलते हुए नजर आते हैं।


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