Yashasvi Jaiswal Became 4th Youngest Centurion: टीम इंडिया को मिल गया नया सचिन। यशस्वी ने जीता कप्तान का दिल। जी हां, यशस्वी जायसवाल जबसे इंटरनैशनल क्रिकेट में टीम इंडिया की जर्सी पहनकर खेल रहे हैं, उन्होंने कई मौकों पर फैंस के साथ साथ टीम इंडिया के अपने सीनियर खिलाड़ियों का भी दिल जीता है। लेकिन इस बार यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में शतक बनाया है। उसके बाद तो उनकी तुलना क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से भी होने लगी है।
अब आपको सुनकर भले ही अजीब लगे लेकिन सच्चाई यही है और एक जमाने में सचिन तेंदुलकर को अपनी कप्तानी में खेलता हुआ देख चुके पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच और कप्तान रह चुके रवि शास्त्री ने यह तुलना कर डाली है। दरअसल रवि शास्त्री यशस्वी जायसवाल के खेल के इतने मुरीद हो गए हैं, इतने कायल हो गए हैं कि उन्हें अब यशस्वी जयसवाल में सचिन तेंदुलकर का अक्स दिखने लगा है।
आखिर कैसे यशस्वी के बनाए इस शानदार शतक से न सिर्फ रवि शास्त्री कायल हैं बल्कि इंग्लैंड टीम भी कहीं ना कहीं इसकी मुरीद होती हुई दिख रही है। कैसा था उनका यह शतक और आखिर क्या कहा इस बार रवि शास्त्री ने चलिए जल्दी से अपनी इस रिपोर्ट में आपको बता देते है।
यशस्वी बने सचिन तेंदुलकर
दरअसल टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच और कप्तान रहे रवि शास्त्री ने यशस्वी जायसवाल की बल्लेबाजी की जमकर तारीफ की है। रवि शास्त्री ने कहा है कि यशस्वी जयसवाल उन्हें युवा सचिन तेंदुलकर की याद दिलाते हैं। यशस्वी जायसवाल इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बेस बॉल का अपने ही बल्लेबाजी के अंदाज से मुंह तोड़ जवाब दे रहे हैं।
राजकोट टेस्ट के तीसरे दिन हालांकि यशस्वी जायसवाल ने बल्लेबाजी थोड़ी धीमे ही शुरू की थी, लेकिन धीरे धीरे जैसे ही उन्हें गेंद अच्छी नजर आने लगी, उन्होंने अपना चिर परिचित अंदाज राजकोट में भी दिखा दिया और अपने टेस्ट करियर का तीसरा शतक पूरा किया।
रवि शास्त्री ने क्या कहा जानिए?
यशस्वी की बल्लेबाजी के कायल रवि शास्त्री ने कहा, आज जिस तरह से यशस्वी ने कदम बढ़ाया है, उससे मैं बहुत प्रभावित हूं। सिर्फ बल्ले से ही नहीं बल्कि मैदान पर भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। मुझे लगता है कि आगे चलकर रोहित के लिए अंशकालिक विकल्पों में से एक हो सकते हैं। गेंद भी उनके हाथ में होगी, चाहे वह लेग स्पिन हो, ऑफ स्पिन हो या फिर मीडियम पेस। जयसवाल मुझे युवा सचिन तेंदुलकर की याद दिलाते हैं। वह हर समय व्यस्त रहते हैं। यह इस कहावत का एक बेस्ट उदाहरण है कि यदि आपको खुद पर विश्वास है तो उम्मीद है कुछ भी असंभव नहीं है।
वह सिर्फ एक शब्द है। वह लगातार शामिल रहेंगे। रवि शास्त्री यशस्वी जयसवाल की फील्डिंग से भी काफी प्रभावित दिखे। विराट कोहली और केएल राहुल जैसे सीनियर खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में यशस्वी जयसवाल राजकोट टेस्ट में टीम इंडिया के लिए स्लिप पर फील्डिंग करते हुए नजर आए।
क्रिकेट को समझने वाले इस बात को बखूबी जानते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में खासतौर से स्लिप में फील्डिंग करना काफी मुश्किल होता है क्योंकि इस पोजिशन पर हर वक्त फील्डर को चौकन्ना रहना होता है। जायसवाल ने इंग्लैंड की पहली पारी में जो रूट का शानदार कैच पकड़कर हर किसी का दिल जीत लिया था।
वहीं दूसरी पारी में उन्होंने अपने बल्ले से एक बेहतरीन शतक जमाया, जिसकी बदौलत टीम इंडिया राजकोट टेस्ट में भी जीत की ओर बढ़ती नजर आ रही है। वहीं दूसरी ओर बात की जाए इंग्लिश खेमे की तो इंग्लिश खेमा भी यशस्वी जायसवाल की बल्लेबाजी का कायल हो चुका है। इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स तो यशस्वी के सीरीज में बनाए पिछले शतक पर ही उनके मुरीद दिखे थे और अब इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने भी यशस्वी जयसवाल को भारतीय क्रिकेट का उभरता हुआ स्टार करार दे दिया है।
बेन डकेट तो यहां तक कह रहे हैं कि यशस्वी जयसवाल इंग्लिश टीम के बेस बॉल अंदाज को ही मैदान पर अपनी बल्लेबाजी में दिखा रहे हैं। बेन डकेट ने कहा, जब आप विपक्षी टीम के खिलाडिय़ों को इस तरह से खेलते हुए देखते हैं तो ऐसा लगता है कि हमें कुछ श्रेय लेना चाहिए। वह अपनी पारंपरिक शैली से अलग तरीके से खेल रहे हैं। यह देखना काफी रोमांचक है कि दूसरी टीमों के खिलाड़ी भी इसी आक्रामक शैली की क्रिकेट खेल रहे हैं।
यह भी पढ़े:
- आज MI Vs RCB में आर-पार की टक्कर, दोनों ने तैयार कर लिए 4-4 खिलाडी, Playing XI में कई बदलाव?
- IPL 2024 में KKR टीम के Jason Roy का हुआ रिप्लेसमेंट, जानिए कौन खेलेगा इसकी जगह
- सरफराज खान, शुभमन गिल, ध्रुव की हुई लड़ाई, Bairstow को दिखाई उसकी औकात
यशस्वी जयसवाल टीम इंडिया के लिए मौजूदा टेस्ट सीरीज में न सिर्फ टॉप स्कोरर हैं, बल्कि सीरीज में अब तक वह दो शतक भी जमा चुके हैं। मौजूदा सीरीज में जहां विराट कोहली टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं, वहीं अनुभवी केएल राहुल भी सीरीज में सिर्फ एक ही टेस्ट मैच खेल पाए हैं। जाहिर तौर पर टीम इंडिया की बल्लेबाजी इंग्लैंड के खिलाफ थोड़ी कमजोर नजर आ रही है। ऐसे में यशस्वी जयसवाल जैसे एक युवा खिलाड़ी का इस तरह से आगे आना बड़ी जिम्मेदारी को उठाना और तो और टीम इंडिया के लिए एक बड़े संकट मोचक की भूमिका निभाना न सिर्फ भारतीय क्रिकेट के वर्तमान बल्कि भविष्य के लिए भी अच्छा संकेत कहा जा सकता है।