BCCI की इस शर्त पर मिला Hardik Pandya को कॉन्ट्रैक्ट, शर्त नहीं मानी तो कॉन्ट्रैक्ट छीन लेंगे

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Hardik Pandya Updates In Hindi: क्या बीसीसीआई ने हार्दिक पांड्या की अकल ठिकाने लगाई? क्योंकि अब कप्तान हार्दिक पांड्या डर चुके हैं। बीसीसीआई ने हाल ही में सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का एलान किया था जिसमें चार ग्रेड बनाए गए और हार्दिक पांड्या को इसमें शामिल किया गया। 

हर कोई यह जानना चाहता था कि किस आधार पर हार्दिक पांड्या को शामिल किया गया क्योंकि बीसीसीआई ने कॉन्ट्रैक्ट से पहले खिलाड़ियों के लिए चेतावनी दी थी कि जो डोमेस्टिक क्रिकेट का हिस्सा नहीं होगा उस पर सख्त कार्रवाई होगी और इशान किशन और श्रेयस अय्यर को तो बीसीसीआई ने कॉन्ट्रैक्ट से बाहर भी कर दिया। लेकिन अब जो खबरें सामने आ रही है उसमें यह बताया जा रहा है कि हार्दिक पांड्या को शर्त के तौर पर यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है।

किस शर्त पर हार्दिक को यह कॉन्ट्रैक्ट मिला है?

बताया जा रहा है कि बीसीसीआई ने हार्दिक पांड्या के सामने शर्त रखी थी और शर्त यह थी कि उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलना होगा और शर्त के कारण ही पांड्या को यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। दरअसल, हार्दिक पांड्या ने यह स्पष्ट किया है कि वह घरेलू क्रिकेट का हिस्सा होंगे और वह भी तब जब कोई भी इंटरनैशनल कमिटमेंट नहीं हो। हार्दिक पांड्या को इस वक्त ग्रेड A में शामिल किया गया है। जो कॉन्ट्रैक्ट अभी जारी किया था। 

इसके अलावा हार्दिक पांड्या ने क्लियर कर दिया है कि वह घरेलू क्रिकेट खेलेंगे। और यही बताया जा रहा है कि इसी शर्त के कारण उन्हें यह कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है आईपीएल के लिए हालांकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट छोड़ दिया था। बीसीसीआई लगातार खिलाड़ियों को कह रही थी कि वो घरेलू क्रिकेट का हिस्सा बनें लेकिन आईपीएल की तैयारियों के लिए उन्होंने घरेलू क्रिकेट का बिल्कुल भी रुख नहीं किया। 

डोमेस्टिक के व्हाइट बॉल टूर्नामेंट खेलने होंगे हार्दिक को

आपको बता दें कि डीवाई पाटिल टूर्नामेंट के जरिए उन्होंने क्रिकेट में वापसी की है। आईपीएल में पांड्या MI के कप्तान हैं और यह भी बता दें कि वर्ल्डकप के दौरान हार्दिक पांड्या को चोट लगी थी। इसके बाद बाहर उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ भी सीरीज नहीं खेली। अब ऐसे में उन्हें कॉन्ट्रैक्ट सिर्फ इसलिए दिया गया है कि अगर उन्होंने बायचांस भी अगर डोमेस्टिक क्रिकेट का रुख नहीं किया तो उनसे कॉन्ट्रैक्ट छीन लिया जाएगा। 

लेकिन अगर इंटरनैशनल कमिटमेंट के तौर पर अगर वह खेल रहे हैं, तो वह डोमेस्टिक क्रिकेट छोड़ सकते हैं, लेकिन जब इंटरनैशनल क्रिकेट नहीं है तो उन्हें डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा। इसी पर एक बीसीसीआई के सूत्र ने बताया कि हमने हार्दिक पांड्या के साथ चर्चा की है, जिन्हें उपलब्ध होने पर डोमेस्टिक व्हाइट बॉल टूर्नामेंट खेलने के लिए कहा गया है। 

इस स्तर पर बीसीसीआई की मेडिकल टीम के आकलन के अनुसार वह रेड बॉल वाले टूर्नामेंट में गेंदबाजी करने की स्थिति में नहीं है। इसीलिए रणजी ट्रॉफी खेलने पर समीकरण से पांड्या बाहर है। लेकिन अगर वह भारत के लिए नहीं खेल रहे होंगे तो उन्हें बाकी व्हाइट बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने होंगे। ऐसा ना करने पर सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हाथ धोना पड़ेगा। यानी कि रेड बॉल क्रिकेटर नहीं खेलते। 

आपने पहले मना कर दिया कि आप टेस्ट के लिए नहीं बने लेकिन अगर आप टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं तो आपको हर हाल में डोमेस्टिक के व्हाइट बॉल टूर्नामेंट खेलने होंगे। तभी यह कॉन्ट्रैक्ट आगे जारी रहेगा। वरना इस कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया जाएगा। तो एक बड़ी शर्त हार्दिक पांड्या के सामने भी रख दी गई, क्योंकि जब सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान हुआ, उसके बाद सोशल मीडिया पर हार्दिक पांड्या ही ट्रेंड कर रहे थे। 

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सबका यह कहना था कि हार्दिक पांड्या को ग्रेड में क्यों रखा गया। कुलदीप यादव तो तीनों फॉर्मेट खेलते लेकिन फिर भी उन्हें ग्रेड नहीं मिला। इसके अलावा जब श्रेयस और इशान को बाहर किया गया तो यह भी कहा गया कि हार्दिक पांड्या को किस आधार पर कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। जबकि श्रेयस अय्यर और इशान किशन ने तो क्रिकेट भी खेला है तो हार्दिक पर लेकर सवाल थे। लेकिन अब यही बताया जा रहा है कि हार्दिक पांड्या के सामने एक शर्त रखी और शर्त के कारण ही यह कॉन्ट्रैक्ट उन्हें मिला।


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