Sarfaraz Khan Press Conference: सरफराज खान की press conference में सरफराज ने खुद पूरे रनआउट की कहानी बताई। जी हां, सरफराज खान जिनका डेब्यू हुआ और डेब्यू पारी में सरफराज खान ने 62 रन बनाए। सरफराज खान के लिए डेब्यू का लम्हा यादगार रहा और सरफराज खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उस लम्हे को याद किया। इसके अलावा कई सारे सवालों के जवाब भी सरफराज खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
Sarfaraz Khan Press Conference
सबसे पहले जब सरफराज से पूछा गया कि डेब्यू करके आपको कैसा लगा तो उनका कहना था कि बहुत अच्छा लगा क्योंकि पहली बार ग्राउंड पर आया सपना पूरा हो गया। मैं अपने पिता के सामने खेलना चाहता था। मैं चाहता था कि उनके जीते जी मैं इंडिया के लिए जरूर करूंगा। इसके अलावा उनकी बैटिंग के बारे में जब पूछा गया कि काफी देर तक उनकी बल्लेबाजी नहीं आई थी और जब वह आए बल्लेबाजी करने तो क्या महसूस कर रहे थे तो उन्होंने कहा कि मैं चार घंटे से पैड पहनकर पवेलियन में बैठा था।
फिर सोचा कि इतना सबर किया है तो कुछ और देर से ही। पहली कुछ गेंदों पर मैं नर्वस था। देखिए सरफराज खान जब बल्लेबाजी करने आए थे तो एक हाथ स्वीप लगाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन तब उनकी नर्वसनेस दिख रही थी। इसके बाद जब उनसे उनके क्रिकेट सफर के बारे में पूछा गया और अपनी बैटिंग के बारे में पूछा गया तो सरफराज खान ने कहा कि पिता इंडिया के लिए खेलना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों के चलते नहीं खेल पाए और छोटी उम्र से ही पिता ने हम पर मेहनत की मुझ पर और मेरे छोटे भाई मुशीर खान पर और आज गर्व का दिन है।
बता दें कि सरफराज खान के पिता भी इंडिया के लिए खेलना चाहते थे लेकिन कुछ कारणों के चलते वह अपना सपना पूरा नहीं कर पाए और जब सरफराज खान छह साल की उम्र के थे तो उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट सिखाना शुरू कर दिया। सरफराज खान के पिता नौशाद खान ही सरफराज के क्रिकेटिंग कोच भी हैं।
इसके अलावा सरफराज से जब रनआउट के बारे में पूछा गया क्योंकि जब वह 62 रन पर थे और रविंद्र जडेजा 99 रन पर थे तब एक कॉल के कारण सरफराज खान आउट हो गए तो उन्होंने कहा कि देखिए ये सब होता रहता है। थोड़ा तालमेल बदल गया। हम दोनों का यह पार्ट ऑफ द गेम है। यह चलता रहता है। इट्स ओके। यह होता रहता है कि लेकिन सीधी सी बात है कि रनआउट हो गए। यह खेल का हिस्सा है।
हालांकि अभी तक उनका सपोर्ट कर रहे थे। रविंद्र जडेजा को सरफराज खान लेकिन एक गलत कॉल के कारण सरफराज आउट हो गए। उन्होंने भी बड़ा दिल दिखाया। कहा कि यह सब होता रहता है। यह सब चलता रहता है। इसके अलावा पार्टनरशिप पर भी उन्होंने काफी सारी बातें की कि जडेजा ने उन्हें बीच मैदान पर काफी सपोर्ट किया।
जब वह सरफराज खान बैटिंग करने आए तो जडेजा ने भी उन्हें काफी सारी बातें कही। सरफराज ने कहा कि लंच टाइम में मैंने जड्डू भाई को बोला था कि बात करके खेलना क्योंकि मुझे बात करना काफी अच्छा लगता है और जड्डू भाई ने भी सपोर्ट किया।
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बीच बीच में आते रहे कि जल्दी मत कर, थोड़ा विकेट पर है। अच्छी बॉल आ रही है। उस पर अच्छा खेलता है। तो इस तरीके की चीजें जो है वह ग्राउंड पर हुई। इसके अलावा प्रदर्शन को लेकर सरफराज खान का कहना है कि मैं रन और प्रदर्शन को लेकर खुश नहीं रहता। मैं बस पिता के रहते हुए इंडिया खेलना चाहता था। यह उनकी पहली प्राथमिकता थी। पहले पिताजी नहीं आ रहे थे, लेकिन बाद में कुछ लोगों ने कहा फिर वह आए। मेरे पिता और मेरी पत्नी भी भावुक थी।
ऐसा लगा कि मेरे ऊपर से बोझ हट गया है। वहीं जब उनके बैटिंग ऑर्डर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कोच सर ने पहले बता दिया था कि मुझे मेरा बैटिंग ऑर्डर क्या था। पहले से ही पता था और यह भी पता था कि जड्डू भाई जाएंगे और फिर मैं जाऊंगा। यानी कि बैटिंग ऑर्डर से लेकर उन्हें तमाम चीजें पता थी। वह उनके कंधे से हट चुका है। रनआउट को लेकर जड्डू भाई को भी उन्होंने माफ कर दे। कहा कि चूंकि यह पार्ट ऑफ द गेम है और पिता का सपना जो पूरा करना चाहते थे, वह करके दिखा दिया है। टेस्ट टीम का हिस्सा बने। पहली पारी में 62 रन बनाए।
पिता भी खुश थे। पिता भी भावुक थे। पत्नी भी भावुक थी और यह खान परिवार के लिए बहुत यादगार लम्हा है। अब देखना होगा कि टेस्ट करियर में सरफराज खान कितने झंडे गाड़ते है।