Subhedar Movie Review In Hindi

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Subhedar Movie Review In Hindi: छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी से जुड़ी और वीर तानाजी मालुसरे के शौर्य गाथा को बड़े स्क्रीन पर दिखाती एक फिल्म सुभेदार, जो एक मराठी लैंग्वेज फिल्म है। वैसे फिल्म अगर किसी नॉन मराठी को देखनी है तो इंग्लिश सबटाइटल्स आपको हर थिएटर में मिल जाएंगे। इसके पहले ओम रावत के डायरेक्शन में बनी तानाजी फिल्म अगर आपने देखी है तो उसी स्टोरीलाइन को दर्शाती। मराठी लैंग्वेज और मराठी कास्ट को लेकर यह फिल्म कैसी है? आइए बात करते हैं।

Subhedar Movie Review In Hindi : कहानी

छत्रपति शिवाजी महाराज के वार्डों ने स्वराज्य की स्थापना के लिए कैसे बलिदान दिया? उन्हीं ऐतिहासिक रियल स्टोरी पर बेस्ड है ये फिल्म Subhedar। हालांकि इंडिया में बहुत से लोगों ने और मराठी लोगों ने भी अजय देवगन की तानाजी मूवी देखी होगी तो इस फिल्म के बहुत से सीन्स का प्रोडक्शन क्वालिटी का अजय देवगन की तानाजी से कंपेयर होना बहुत ही नॉर्मल सी बात है।

लेकिन इस मूवी में अजय देवगन की तानाजी से ज्यादा बहुत छोटी छोटी बातों पर ध्यान दिया गया है। जहां छोटी छोटी बातों पर ध्यान देना इस फिल्म का प्लस पॉइंट है, वहीं उसी छोटी छोटी बातों की वजह से इस फिल्म की लेंथ बड़ी हो गई है और वो सेम पॉइंट निगेटिव में भी बदल जाता है। लेकिन अगर तानाजी के साथ इस फिल्म के कंपैरिजन को थोड़ा बाजु में रखें तो फिल्म आपको लम्बी ज़रूर महसूस होगी। ऐसा लगेगा कि मेन टॉपिक पर तो ये फिल्म सिर्फ सेकंड हाफ में बात करती है और ये है भी ऑलमोस्ट तीन घंटे की।

फर्स्ट हाफ और सेकंड हाफ

जिसमें फर्स्ट हाफ की लेंथ स्टोरी वाइज ज्यादा लगने लगती है। जहां तानाजी आम इंसान से सरदार और सरदार से सुबेदार कैसे बने उस प्वाइंट ऑफ व्यू से स्टोरी चलती रहती है और सेकंड हाफ में जाकर कहा कोंढाणा जीतने की लड़ाई दिखाई जाती है। हालांकि सेकंड हाफ के कुछ लड़ाई वाले सीन्स की वजह से कोंढाना को जीतने की प्लानिंग के चलते फिल्म में ग्रिप वापस आ जाती है। और वैसे देखा जाए तो किसी भी हिस्टोरिक मूवी में एक हिस्टोरिकल मोमेंट आगे बढ़ रहे कहानियों के लिए इंपॉर्टेंट होता है।

लेकिन यहां पर्सनली हमे लगा कि इस फिल्म से बहुत से सीन ऐसे थे जो हटा देने चाहिए थे और फोकस करना चाहिए था। उदयभान और कोंढाणा की लड़ाई ऊपर से जो उदयभान का कैरेक्टर है, उसे और थोड़ा विलन दिखाते, दमदार दिखाते। उसकी स्टोरीलाइन को भी थोड़ा और टाइम दे देते तो किसी फिल्म में जो विलेन वाला पर्सपेक्टिव होता है, वह स्टोरी में और भी पकड़ मजबूत कर देता है।

तो वह विलेन पॉइंट अगर थोड़ा और स्ट्रॉन्ग होता तो इस फिल्म में वो जो पकड़ वाली जो हमने बात की थी, वह भी और मजबूत हो जाती। इस फिल्म के क्लाइमैक्स में जिस तरीके से फाइट सीक्वेंस और टेंशन वाला माहौल बनाया गया है, एक जबरदस्त स्पीच भी दी है जो आपको गूसबंप भी दे देती है तो इस पूरे फिल्म में वह क्लाइमेक्स आपका दिल जीत लेगा।

देखे या नहीं देखे?

दोस्तो अगर आपको हिस्टोरिक फिल्म देखना पसंद है और आप शिवराज अष्टक से जुड़ी पिछली चार मूवी को भी फॉलो कर रहे हो तो यह पांचवी मूवी भी आप ज़रुर देख सकते हो।

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