King of Kotha Review In Hindi

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King of Kotha Review In Hindi: Sita Ramam मूवी के बारे में सुना होगा है आपने। आपको बता दे की ऐसी फिल्म जो पहले कभी नहीं देखी होगी आपने एक लव स्टोरी जिसको देखकर डर लगता है। जिस एक्टर ने इस फिल्म में काम किया था उसका नाम Dulquer Salmaan है। अभी इनकी एक और नई फिल्म आई है जिसका नाम ‘King of Kotha’ हैं। इस मूवी में भी फिर से लव स्टोरी दिखाई गई है लेकिन इस बार लव स्टोरी के साथ साथ एक्शन है, खून खराबा है, मौत है, मर्डर है।

अगर आपको मास सिनेमा अच्छा लगता है तो आपने Dasara नाम की एक फिल्म जरूर देखी होगी। बस वो सेम एक्सपीरियंस ‘King of Kotha’ में मिलेगा आपको। रॉक स्टाइल एक्शन सिनेमा, जिसमें हाथ पैरों की लड़ाई से जिंदगी मौत का फैसला होता है।

King of Kotha Review In Hindi : कहानी

कहानी की बात करे तो कहानी एक मॉडर्न रावण की है, जिसके पास पूरी सोने की लंका मौजूद है। हर कोई इस से डरता है और रावण के सामने सर झुकाता है। वैसे रामायण अगर आपने पढ़ी है तो एक कैरेक्टर काफी अंडर रेटेड है जिसकी बात बहुत कम होती है लेकिन काम सबसे बड़ा किया था इसने। विभीषण एक अकेला जिसने पूरी लंका को बर्बाद कर दिया। बस कोथा शहर में भी विभीषण मौजूद है। लेकिन वो कौन है हम नहीं बताएंगे। अब कहानी में सबसे बड़ा ट्विस्ट ये है कि कोथा में रामायण का युद्ध दोबारा होता है लेकिन इस बार रावण मरता नहीं, गायब हो जाता है।

छोटे मोटे राक्षसों को लगता है कि उनका राजा भाग गया और हर कोई सोने की लंका को अपना बनाने का सपना देखने लगता है। फिर होता है कमबैक। जब रावण अपनी लंका में वापस लौट के आता है, शेर बूढा हो गया। सबको लगता है अब जंगल में सब उसका शिकार करेंगे। रावण की यही अच्छी बात थी कि वो महादेव का सबसे बड़ा भक्त था और इसीलिए कोथा को बचाने के लिए अपना रावण अब शिव तांडव करने वाला है।

इन मूवी को कॉपी करके बनाई गई है यह फिल्म

दोस्तों आपको मेन चीज बता देते है कि King of Kotha एक स्टोरी बेस्ड फिल्म नहीं है इसमें कुछ डिफरेंट यूनीक कहानी की एक्सपेक्टेशन मतलब डिसअपाइंटमेंट है। फिल्म देखते वक्त आपको ऐसा लगेगा चार पांच पॉपुलर मूवीज जैसे पुष्पा, दसरा इन सबसे कुछ प्वाइंट्स उठाकर आपस में जोड़कर कोथा को तैयार कर दिया। छोटे मोटे ट्विस्ट एंड टर्न्स है, जो आपने एक्सपेक्ट नहीं किए होंगे। ऐसा कुछ मेजर दिमाग हिलाने वाला शॉकिंग सस्पेंस क्लाइमेक्स नहीं है उनके पास। लेकिन उनके पास जो चीज है वो है इसका स्टाइल। एक प्रॉपर मास सिनेमा जिसमें एक इंसान को इतना बड़ा दिखाना कि वो हजारों से अकेला भिड़ जाए।

और जो चीज King of Kotha की सबसे बड़ी ताकत है वो है इसका प्रेजेंटेशन। आपको भरोसा हो जाएगा कि हां अपना हीरो हजार लोगों के बराबर है। बैकग्राउंड में म्यूजिक चल रहा है। तोड़फोड़, बीट्स वाला और स्क्रीन पर सामने चाकू तलवार की लड़ाई। इधर खून उधर किसी का सर पड़ा है कटा हुआ। लेकिन आप पब्लिक के रूप में नाच गा रहे हो अपने दिमाग में, क्योंकि King of Kotha का एक्शन एक सेलिब्रेशन जैसा है। म्यूजिक लगाओ और मर्डर सीन इंज्वॉय करो। अक्सर हमारा श्रीवास्तव देखते वक्त ऑडियंस को दो चॉइस देता है। अच्छाई और बुराई। दोनों में से किसको सिलेक्ट करना है?

जवाब एकदम आसान होता है, लेकिन King of Kotha गलत वर्सेज गलत में से किसी एक को चुनने को बोलेगी और आप सबकुछ जानते हुए भी गलत का साथ दोगे। फिल्म आपको भी गलत बना देगी और हां, फुटबॉल फैंस के लिए भी गुड न्यूज है। कहानी सेट है द लेजेंड मेराडोना के टाइम तो थोड़े बहुत सीन्स फुटबॉल के इंज्वॉय करने का मौका भी है। बाकी एक एवरेज स्टोरी को भी अच्छा बनाने की पावर होती है एक पावरफुल एक्टर के पास और सेम यही काम करके दिखाया Dulquer Salmaan ने। ये King of Kotha सिर्फ दिख नहीं रहे हैं एक्चुअली ये तीन घंटे के लिए King of Kotha बन चुके हैं।

King of Kotha Review In Hindi : कैसी है एक्टिंग?

Dulquer Salmaan को अभी तक हमने देखा था सिर्फ कॉन्टेंट बेस मूवी करते हुए। यह फर्स्ट टाइम, प्योर मास एक्शन सिनेमा का चैलेंज लिया उन्होंने। फ्रैंकली उनसे बढ़िया कैरेक्टर शायद ही कोई दूसरा प्ले कर पाता। बिना हैवी डायलॉग सिर्फ आंखों से सामने वाले का पैंट गीला करना। ये टैलेंट बहुत कम एक्टर्स के पास होता है। तो King of Kotha को मिलेंगे 5 में से पूरे तीन स्टार। पहला स्टाइलिश सिनेमा, बीजी एक्शन और इमोशंस, जो मर्डर सीन को सेलिब्रेशन में बदल देंगे। दूसरा, उनके जो विजुअल्स है वो रेट्रो वाइब्स देते हैं काफी ऑथेंटिक और डिफरेंट फ्लेवर। तीसरा, सिर्फ एक नाम Dulquer Salmaan किंग ऑफ कॉन्टेंट से आज किंग ऑफ एक्शन बनने का टाइम आ गया है।

बाकी सपोर्टिंग कास्ट भी जबरदस्त है। स्पेशली अपने सीनियर किंग होता। इनका कैरेक्टर्स उन्हें सबसे ज्यादा अट्रैक्ट करेगा। ऑडियंस की रिस्पेक्ट को नेगेटिव में बस दो शिकायतें हैं, पहली तो यह कि फिल्म छोटी होनी चाहिए थी। एक्चुअली कुछ एक्शन सीन रिपीट होते हैं तो फिल्म लंबी खिंच जाती है और ज्यादा क्रिस्प होना चाहिए। मास सिनेमा। दूसरी फंकी कहानी। इसमें कोई सरप्राइज फैक्टर है नहीं उनके पास। आप स्टार्टिंग से एंडिंग प्रिडिक्ट कर ले जाओगे।

देखे या नहीं देखे?

यह फिल्म फुल एक्शन मास सिनेमा से भरी हुई है अगर आपको मास एक्शन सिनेमा वाली फिल्म देखना पसंद है और आपने ‘दसरा’ मूवी देखी है तो यह मूवी उसके जैसी ही है तो आप एक बार इसको जरूर देख सकते है।

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