Jailer Movie Review: रजनीकांत की जेलर बनी ब्लॉकबस्टर, ऑडियंस का मिला भरपूर प्यार

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Jailer Movie Review: दोस्तों अगर स्क्रीन पर आपको थलाइवा रजनीकांत किसी फिल्म में लीड के रूप में हीरो दिख रहे हैं तो समझ लेना कि वह फिल्म आपको एंटरटेन जरूर करेगी और शिवाजी द बॉस रजनीकांत इज बैक विथ अग्रेसिव एंड कॉमिक एक्टिंग ओवर ऑल मूवी कैसी है, आइए बात करते हैं।

जेलर मूवी कहानी

बात अगर स्टोरी की करें तो यह कहानी पिता और बेटे के रिलेशन की है। वैसे इतने में जो भी मूवी आ रही है वह पिता बेटे के रिलेशन पर ही बेस्ड है। ओह माय गॉड टू भी और गदर टू भी। और इस मूवी में रजनीकांत एक रिटायर्ड जेलर हैं जिनका बेटा असिस्टेंट कमिश्नर है जो एक दिन अचानक गायब हो जाता है और उसे ढूंढने निकलते है उसके पिता। जिनका किरदार रजनीकांत निभा रहे है अब वो क्यों गायब है और एक जेलर बाप अपने बेटे को कैसे कैसे जुगाड़ करके ढूंढता है वो इस फिल्म की कहानी है जिसे आप सच में इस फिल्म में एन्जॉय ज़रूर करोगे।

जेलर मूवी रिव्यू

फिल्म दो घंटे 50 मिनट की है जिसमें अगर फर्स्ट सेकंड हाफ देखें तो फर्स्ट हाफ जहां आपको काफी एंगेजिंग एंड एंटरटेनिंग लगेगा, वहीं सेकंड हाफ थोड़ा अपने प्लॉट से भटकता हुआ भी नजर आता है। सेकंड हाफ में लगने लगेगा कि इन सब की क्या ही ज़रूरत थी। थोड़ा वेस्टेड फील होने लगेगा। थोड़ी ही देर बाद स्टोरी वापस अपने ट्रैक पर आ भी जायेगी।

सेकंड हाफ में ही मोहनलाल, जैकी श्रॉफ और तमन्ना की एंट्री होती है और रजनीकांत के अलावा जितने भी बड़े बड़े एक्टर्स है उनका बस कुछ एक मिनटों का कैमियो है और तमन्ना को छोड़ दिया जाये तो सभी कैमियो बेस्ट है। उनके होने से स्टोरी भी थोड़ी मीनिंगफुल हो जाती है। आपको सबसे ज्यादा मजा आएगा सेकंड हाफ में। एक बैक स्टोरी है 5 से 6 मिनट की, जहां रजनीकांत मिड एज जेलर के रूप में दिखाए गए हैं। वैसे गाने भी इस फिल्म में अच्छे खासे हैं। एक्चुअली गानों को ज्यादा टाइम के लिए यूज़ नहीं किया गया है। थोड़ी देर के लिए आते चले जाते हैं और और फिल्म के डायलॉग्स को थोड़ा कॉमिक रखा गया है।

सिचुएशनल कॉमेडी आपको फर्स्ट हाफ में ज्यादा देखने को मिलेगी और सेकंड हाफ में ज्यादा एक्शन मिलेगा जिससे एंटरटेनमेंट आपका होता रहेगा। रजनीकांत का स्वैग तो है ही स्क्रीन पर आंखे जमाने के लिए। तो हां ये मूवी गदर टू और ओह माय गॉड टू को कड़ी टक्कर देने वाली है और कहीं ना कहीं गदर टू और OMG 2 के चक्कर में ही हमें लग रहा है कि नॉर्थ में इसके हिंदी के शो बहुत कम लगाए जा रहे हैं ताकि ऑडियंस जो है उनका झुकाव जेलर से ज्यादा बॉलीवुड मूवीज पर हो।

एनीवे, जेलर इस श्योर शॉट एंटरटेनर विद फ्लॉवर्स इन सेकंड हाफ मूवी को यूए सर्टिफिकेशन मिला है। खून खराबा काफी ब्रुटली दिखाया गया है। मुंडी धड़ से अलग कर देना मतलब उससे भी ज्यादा है। पैरेंटल गाइडेंस की जरुरत तो बढ़ेगी ही। बच्चे ना ही देखें तो बेहतर होगा।

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